मोहब्बत बड़े काम की चीज़ है
मोहब्बत उस ज़माने से बदनाम है जब हौवा ने आदम को सेब खाने के लिए मजबूर किया था। उसके कहने पर आदम ने ईश्वर के आदेश को बाजू में रखकर अपनी मोहब्बत की आवाज़ सुनी। ये मोहब्बत ही तो थी जिसके कारण आदम को स्वर्ग से बाहर फेंक दिया गया और कई तरह की सुविधाएँ छीन ली गईं।
आदम को अब अपना पेट भरने के लिए कड़ी मेहनत करना पड़ रहा था, वह बीमार भी होने लगा था। उम्र के साथ उस पर बुढ़ापा भी आने लगा था। केवल एक भूल के कारण उससे सब कुछ छीन लिया गया था। लेकिन कहते हैं ना ईश्वर जब एक रास्ता बंद कर देता है तो दूसरा खोल देता है। स्वर्ग की सारी वस्तुएँ और सुख सुविधाएँ खोने के बाद तो आदम को जीना ही नहीं चाहिए था, उसे तो हर क्षण तड़पते रहना चाहिए था, उसे क्रोध आना चाहिए था और ईश्वर को कोसना चाहिए था। इसके बावजूद उसने ऐसा कुछ नहीं किया बल्कि उसने सारी कठिनाई सहकर भी ईश्वर को याद किया और बिना शिकायत किये जीवन जीने का रास्ता अपनाया क्योंकि इन कठिन रास्ते में वह अकेला नहीं था। उसके साथ थी स्वर्ग से धरती पे लाने वाली उसकी मोहब्बत हौवा, जो विकट परिस्थिति में भी उसे स्वर्ग का एहसास कराती थी। वो कहते हैं ना कि मोहब्बत बड़े काम की चीज़ है..