![Naari poetry naari, woman, lady, beautiful girl poetry, वीर नारी पर कविता,](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEggNbpsIaIB8qiEsgryc0Zj6OTZk5PaSxEXy4jLsZ5kDC7D_W_7Z9ihK0XH5pmoRBCNUqMuHGC3kKp_pysoUbEzTWKshPDG1f9R_gWF6q8r3YQiyC8WmCbN0NAkGnkBZr2YRDYqp2tnyjai/s16000/beautiful-1867093_1920.jpg)
नारी
चलो मान लिया कि मां है ईश्वर की मूर्ति
लेकिन क्या औरत है सिर्फ पैरों की जूती?
बहन देखते ही आता है इज्जत का खयाल
तो फिर क्या पड़ोसन है सिर्फ मज़े का माल?
सपनों की राजकुमारी प्रेमिका की निशानी
लेकिन पत्नी रहे क्या सिर्फ बनके नौकरानी?
ऐसा है अगर तो चलो अब ये ही बता दो कि
औरत को बेबस कर बाज़ारू किसने बनाया
नियत ख़राब कर अपनी डर किसने समाया?
अगर लड़कियां टीवी में जिस्म दिखाती हैं
कोठे में अपने नक्श से तुमको रिझाती हैं
तो ऐसा करने के बदले पैसे देता कौन है ?
फिर उन्हें हक़ दिलाने दुनिया क्यों मौन है?
पहले तो अपनी नज़र का इलाज कर लो
अपनी आँखों में इज़्ज़त का सुरमा भर लो
अनुपम अद्भुत जिसमें बसी दुनिया है सारी
वो और कोई नहीं इस दुनिया की है नारी।।
बहन देखते ही आता है इज्जत का खयाल
सपनों की राजकुमारी प्रेमिका की निशानी
ऐसा है अगर तो चलो अब ये ही बता दो कि
अगर लड़कियां टीवी में जिस्म दिखाती हैं
तो ऐसा करने के बदले पैसे देता कौन है ?
पहले तो अपनी नज़र का इलाज कर लो
अनुपम अद्भुत जिसमें बसी दुनिया है सारी
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