MILLENNIUM NIGHTS |
सारांश
यह कहानी जवाहर नवोदय विद्यालय की पृष्ठभूमि पर तैयार हुई है। देश के प्रत्येक जिले को स्पर्श करती इसकी छह सौ से अधिक शाखाएँ हैं। जिनसे निकल दस लाख से अधिक भूतपूर्व छात्र अपनी प्रतिभा से इंजीनियर, डॉक्टर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, लोक सेवा एवं उद्यमी बनकर सेवाएं दे रहे हैं।
मेडिकल चेकअप के दौरान राहुल और शिवम की मुलाकात सौरभ से होती है। सौरभ जब देखता है कि एक छात्र को मेडिकल टेस्ट में अयोग्य घोषित कर निकाल दिया गया है तो वह उसमें सफल होने के लिए अलग रास्ता अपनाता है।
एडमिशन के बाद वे सीनियर से झूझते हैं जो उनसे तेल, पेस्ट और साबुन ले लिया करते थे। विरोध का विकल्प न होने के कारण बाद में वे अभ्यस्त हो जाते हैं।
कुछ समय बाद वे नए हॉस्टल में सुपर सीनियर के साथ शिफ्ट हो जाते हैं। एक दिन राहुल दो सीनियर को अपने साथ लंबी दौड़ में ले जाने के लिए मनाता है। उस दौड़ में वे बीच में ही थककर ठहर जाते हैं। बाद में एक सीनियर उन्हें समझाते हुए ध्यान लगाने को कहते हैं। उसी समय एक अनोखी घटना घटती है। सौरभ की पीठ अचानक गर्म हो जाती है और उस स्थान पर तितलियाँ आकर फैल जाती हैं। उसे महसूस होता है जैसे कोई शक्ति उसके अंदर समाई हो। यहाँ से सौरभ में दृढ़ता, चेतना और गहरा विश्वास पैदा होता है। राहुल अपनी कक्षा की एक लड़की सुमन के प्रति आकर्षित होकर पत्र देता है लेकिन वह कड़े शब्दों में उसे चेतावनी देती है। उसकी सहेली भूमिका के कहने पर टीचर से शिकायत करने बाहर जाते हैं लेकिन तभी सौरभ बीच में आकर उन्हें रोक लेता है।
एक बार फिर उनका दिमाग बहकने लगता है जब पूरी कक्षा चार हॉउस में बांट दी जाती है और कुछ साथियों को कर्नाटक राज्य के विद्यालय में माइग्रेशन पर भेज दिया जाता है। बदले में आये छात्रों को वे बड़ी मुश्किल से झेल पाते हैं। यद्यपि वे अंग्रेजी भाषा में अच्छे हैं लेकिन वे हॉस्टल में गंदगी से रहते हैं और कक्षा के समय भी खाने का सामान निकालकर चट कर देते हैं।
दसवीं में बोर्ड परीक्षा होने के बावजूद वे अपना ध्यान पढ़ाई में नहीं लगा पाते किन्तु कक्षा में अचानक आये एक वैज्ञानिक के भाषण से प्रेरित होकर वे परीक्षा की तैयारी में जुट जाते हैं। परीक्षा के बाद स्कूल छोड़ने के पहले वे एक दुष्ट सीनियर की बेरहमी से पिटाई कर बदला लेते हैं।
उनके जीवन में नया पड़ाव तब आता है जब वे ग्यारहवी में पहुंचते हैं। वे रोमांच में कभी गुलाब जामुन या बिस्कुट के लिए मेस में घुसते हैं तो कभी क्लास से भागकर फ़िल्म देखने निकल जाते हैं। वे प्रयोगशाला में भी कुछ कारनामे करते हैं।
तभी दूसरे विद्यालय से सुरताल नामक छात्र आता है जो मेस में एक जूनियर निशा को अचानक देखकर उसे हर तरह से रिझाने का प्रयास करने लगता है। परिस्थिति तब बिगड़ना शुरू हो जाती है क्योंकि शिवम भी उसे चाहता है।
कहानी का एक अन्य पात्र मोहित सपने बहुत देखता है। कभी वह गर्म गुब्बारे में लड़कियों को बिठाकर आसमान की सैर कराता है तो कभी पड़ोसियों से रक्षा करता है। सहस्त्राब्दी की रात में वह भयानक सपना देखता है जिसमें दुश्मन उन पर आक्रमण कर देते हैं। सुरताल कुछ बंदूक धारियों और अन्य घातक हथियारों के साथ निशा का अपहरण करने आता है। अंत में मोहित सभी लोगों की जान बचाकर विद्यालय का असली नायक बन जाता है।
परीक्षा के कुछ दिन पहले रुखसाना उपहार के रूप में सौरभ को एक कीमती पेन ऐसा कुछ कहकर देती है जो उसे महत्वाकांक्षी बना देता है। वह अपने लक्ष्य को खोजने का प्रयत्न करने लगता है।
आखिरी समय में वे सभी स्कूल हॉस्टल, कैंपस भीनी यादें और दुख के साथ छोड़ देते हैं। सौरभ बस स्टॉप से निकलने के पहले एक बार फिर रुखसाना से मिलता है।
इंजीनियरिंग करने के बाद राहुल की मुलाकात जब सौरभ से होती है तो उसके कमरे में मिलेनियम नाइट्स शीर्षक वाली रचना मिलती है। वह उसे पूरा पढ़कर सौरभ से सवाल करता है कि क्या वह कभी रुखसाना से मिलेगा? जिसके जवाब में वह केवल मुस्कुरा देता है।
SYNOPSIS
This story is illustrated in the background of Jawahar Navodaya Vidyalaya, one of the most popular and reputed residential school throughout India with more than six hundred branches to cover every district. By extraordinary talent, a million well settled alumni serve as scientists, engineers, doctors, chartered accountants, civil servants and entrepreneurs over the world.
Rahul and Shivam come across Sourabh in medical check up during admission. Sourabh tries to outwit medical test when he sees one of the students has declared unfit and sent back.
After admission they struggle from seniors who take away their hair-oil, tooth-paste and bath-soap. As they don’t have any option to oppose, they gradually become habitual.
They shift to a new hostel, live with super seniors who support and motivate them. One day Rahul persuades two seniors to take them for long run but they leave behind with weary feet, later one of the seniors tells their fault and makes them practicing meditation. A strange situation takes place, Sourabh’s back ignites and many butterflies scatter out from there. This makes Sourabh firm, conscious and highly determined. Rahul is infatuated with his classmate Suman and gives her a letter but she gets angry and warns him. Her friend Bhumika takes her to complain the teacher but Sourabh stops them with his effort.
Again their mind divert when the whole classes are distributed into four houses and few of them migrate to Karnataka. They hardly accept the exotic boys who are good in English but keep unhygienic atmosphere, stay in dormitory and steal their breakfast from the trunk.
Despite board exams in tenth class, they don’t concentrate in study but after hearing a speech by a scientist, they get motivate and try to perform the best. In the last day of exam before leaving school, they wildly beat a notorious senior and take revenge.
The next phase of life begins when they reach in eleventh, they start enjoy and do adventurous things. Sometimes they enter the mess for gulabjamun or biscuits, bunk from the class to watch movies or do something mischievous in the laboratory.
There immigrates Surtal, a student who once watches
Nisha, a junior and tries to allure her. The situation conflicts as
Shivam too like her.
One
day Shivam goes out to watch a movie, his parents come hostel to see
him. Sourabh runs to call him back. He enters the theatre and watches
the rest of movie with Shivam’s ticket. As he comes out, suddenly he
collides with a muslim girl Rukhsana and breaks her toys. She sends a
letter to Sourabh for repayment. Scaring Sourabh goes to Rukhsana’s home
but repays only some amount. The incidences take place and create deep
relations between them. Her brother gets admission in the same school
with his efforts and they get opportunity to meet frequently sharing
their thoughts.
There is a peculiar boy Mohit who is a dreamer. He sometimes dreams of flying in a hot air balloon taking the girls with him, in Millennium Night he has nightmare about the warriors attack his school in which Surtal comes with few gun-men and weapons to kidnap Nisha. Finally Mohit saves the people and becomes hero in the school.
Few days before exam Rukhsana gives Sourabh a precious gift of pen telling something that makes him ambitious. He tries to find the way to achieve his goal.
In the last moment they leave school, hostel and campus, fill with eternal memories and grief. Sourabh meets Rukhsana again before departing from the bus stop.
After engineering, Rahul meets Sourabh and finds his manuscripts with the title MILLENNIUM NIGHTS. He reads all and asks about Rukhsana whether he will get her again. Sourabh gives his mysterious smiles in return.
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