मेरी तरह तुझे भी
तेरी सालगिरह में आज, इश्क़ की बहार हो जाये,
मेरी तरह तुझे भी थोड़ा सा मुझसे प्यार हो जाये।
तैयारी बड़ी ज़ोरों की कर रखी है ज़माने ने,
तू ये जंग भी जीते, तेरे रकीबों की हार हो जाये।
इश्क़ की गलियों में फरेब और दिखावा है,
जो आँखों से दिखता है, हकीकत में छलावा है।
एक बार तुझे देखूँ और फिर देखता ही रहूँ हरदम,
तुझसे मिलके ज़िंदगी का हर लम्हा त्यौहार हो जाये।
मेरी तरह तुझे भी थोड़ा सा मुझसे प्यार हो जाये।
तुमसे हुआ है इश्क़ और ऑफिस में भी काम है,
कुछ करने नहीं देता, ये मर्ज बड़ा बदनाम है।
हिचकियाँ क्यों आ रही, तुमने याद किया होगा।
तुमसे मिलने आ जाऊँ बस आज इतवार हो जाये,
मेरी तरह तुझे भी थोड़ा सा मुझसे प्यार हो जाये।